मधुशाला से ब्रजशाला का सफर

अभी कुछ दिनों से देश में कोरोना महामारी के चलते भी देश में मदिरा की शॉप ओपन करने के आदेश दे दिया है ।
मदिरा की शॉप ओपन होते ही जो हम को देश मे मदिरा के प्रति भक्ति जो देखने को मिली हे ऊस देख कर हम दृभिभुत हो गये हे की इस मदिरा ने हमारे देश के लोगो के बीच जो जात पात,ऊच नीच,छोटा बडा, एबम शिक्षा के अन्तर को भी खतम कर दिया। इस को देख कर भाऊत आछा लगा की लोगो को किसी के प्रति तो भक्ति हे ।मगर इस भक्ति से लोगो को केबल कुछ छड़ों असत्य आनन्द प्राप्त होता होगा ,जिससे अभी तक किसी को कुछ हासिल नही हुआ हे,इस बात को जनते हुए भी इतनी भक्ति मदिरा की ,कास इन की इस भक्ति को प्रभू की ओर मोडने बाला मिल जाये 
जब हम भक्ति की बात कर राहे हे तो हम इस मदिरा भक्ति को देख कर धुब जी की याद आ गई ,की जब आपने पिता जी की गोद मे बेथे हुये थे,तब ऊन की सौतेली ने ऊन को ऊनके पिता की गोद से उतार दिया था ओर कहा था की तुम को पिता की गोद मे बेठना हे तो ,प्रभू से बरदान ले कर मेरी कुख से पेदा हो तब तुम पिता की गोद मे बेठ पाओग, तब ऊन होने इस बात को आपनी मा को बताया तो ऊन ने कहा कि तुम को तुमारी सौतेली माँ ने जो कहा हे भाहि करो पर प्रभू को प्राप्त कर ऊन से जे मागना की हे प्रभू मे आप की गोद मे बेठू ।
धूब जी ने आपनी भक्ति से प्रभू को प्राप्त कर के भक्ति को प्राप्त किया , ओर आज हम सब को दरसन दे रहे है ,इस कथा को सब जनते हे 
आज इस मदिरा भक्ति को भी हम प्रभू भक्ति की ओर मोड दे तो हम इस भक्ति से हम प्रभू को प्राप्त कर के आपना ओर आपनो का आत्म कल्याण कर पायेगे ओर फिर हम करोना जेसे बायरस से किया हर डर से मुकाबला कर पायेगे
प्रभू से आपने भक्तों की परेशानी देख नही सकते 
इसी विशबास के साथ
आज वैशाखशुक्ला चतुर्दशी केदिन भक्तभावित श्रीनृसिंह भगवान् ने स्तम्भ मेंसे भक्त
प्रह्लादजी कीरक्षा केलिये प्रकट होकर साकार ब्रह्मवादके सिद्धांत को मान्य कियाऔर 
अनीश्वरवादी हिरण्यकशिपुको मारकर अनीश्वरवादको जड़ से उखाड़ फेंका। उसी प्रकार करोना का भी नास हो ओर सभी सनातनधर्मी भक्तोंका श्रीप्रह्लादजी जैसा परात्पर परब्रह्म श्रीकृष्णमें विवेकधैर्याश्रय
भगवत्कृपासे सिद्ध हो इसी कामनाके साथ सभीको श्रीनृसिंह प्राकट्योत्सवकी मंगल बधाई।
"श्रीहरि राखे ताको डर काको" कोरानाकाभी इसी विश्वास के साथ सामना करें 
हारेंगा करोना जीतेगा भारत